झंझारपुर के तमुरिया स्टेशन पर बन रहे फुटओवर ब्रिज के निर्माण कार्य को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रोक दिया है, यह आरोप लगाते हुए कि ब्रिज में मानक से कम गुणवत्ता का लोहा का सरिया लगाया जा रहा है। यह मामला सरकारी फंडों की बर्बादी और भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण साबित हो रहा है।
सोमवार की सुबह जब निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो कछुवी पंचायत के सरपंच विपीन कुमार गांधी, निशांत कुमार, रंजीत मुखिया, अंजार अहमद, और श्याम राउत सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य को रोक दिया। उन्होंने दावा किया कि फुटओवर ब्रिज में 16 या 12 एमएम के सरिये की जगह मात्र 8 एमएम के सरिये का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो मानकों के अनुरूप नहीं है।
निर्माण कार्य के दौरान मौजूद संवेदक के मुंशी ने कहा कि रेलवे के अनुमोदित नक्शे में 8 एमएम के सरिये का ही प्रावधान है, लेकिन नक्शा उपलब्ध नहीं करा पाए। इस बिंदु पर ग्रामीणों ने मांग की कि जब तक मानकानुसार नक्शा या एस्टिमेट नहीं दिखाया जाता, तब तक कार्य को आगे नहीं बढ़ाया जाए।
इस स्थिति को संबोधित करते हुए, रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के सेक्शन इंजीनियर नलिन बिहारी ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें नक्शा दिखाया। उन्होंने बताया कि नक्शे के अनुसार, ब्रिज के स्लैब में नीचे 16 एमएम और ऊपर 8 एमएम का लोहा लगाने का प्रावधान है। इसके बाद काम पुनः शुरू हो गया।
हालांकि, इस विरोध के कारण निर्माण कार्य लगभग पांच घंटे तक बंद रहा, जिससे फुटओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, जो 31 जनवरी तक पूरा होना था, अब और विलंबित हो गया है। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर सरकारी फंडों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, बल्कि यात्रियों की सुविधा के लिए निर्धारित समयसीमा के पालन में भी असफलता दिखाती है।
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