कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष NSUI नेता राशीद फाखरी के नेतृत्व में बिस्फी विधानसभा के सिमरी में पहलगाम में मारे गए निर्दोष पर्यटकों के शोक में एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। कैंडल मार्च के उपरांत गांधी स्मृति पहुंचकर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर राशीद फाखरी ने कहा कि पर्यटकों की हत्या सुरक्षा व्यवस्था में एक गंभीर चूक का परिणाम है। उन्होंने बताया कि जिस समय आतंकवादी हमला हुआ, उस दौरान डेढ़ घंटे तक आतंकवादियों ने गोलीबारी की, लेकिन वहां न तो कोई सुरक्षा बल मौजूद था और न ही जनता के लिए कोई सुरक्षा कवच। फाखरी ने केंद्र सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सिंधु नदी का पानी रोक दिया गया, लेकिन अडानी की बिजली आपूर्ति पर कोई रोक नहीं लगाई गई। उन्होंने कहा कि देशवासियों की सुरक्षा के मामले में भी सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए फाखरी ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल अपने मन की बात करते हैं, लेकिन जनता की मन की बात न तो सुनते हैं और न ही उसका जिक्र करते हैं। उन्होंने मन की बात का हवाला देते हुए कहा कि सरकार चंद्रमा और सैटेलाइट की बात तो करती है, लेकिन देश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी में पढ़ने वाले युवा वैज्ञानिकों को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा। देश में हर साल लगभग 15 लाख इंजीनियर तैयार होते हैं, लेकिन केवल 10% को ही रोजगार की उम्मीद है, सभी बेरोजगारी से त्रस्त है। राशीद फाखरी ने अदानी की रक्षा कंपनी पर भी निशाना साधा और हथियार निर्माण के निजीकरण पर सवाल उठाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि देश की सुरक्षा को मजबूत किया जाए और इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का मुद्दा बनाकर समाज को बांटने की कोशिश न की जाए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि देश में सभी संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।

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