झंझारपुर स्थित रेल परिसर में महज चार वर्ष पहले बने एक भवन के पिलरों में दरार आने से हड़कंप मच गया है। पिलर दरकने की जानकारी मिलते ही मंगलवार को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें इस भवन में रहने वाले एक दर्जन रेल अधिकारियों को आवास खाली करने का निर्देश दिया गया। यह नोटिस झंझारपुर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कार्य) रूपेश रंजन ने जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि नोटिस मिलते ही अपने-अपने आवास को खाली कर दें। यदि इसके बाद भी वे वहीं रहते हैं तो किसी भी खतरे के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
जिस भवन के पिलर क्षतिग्रस्त पाए गए हैं, वह सी ब्लॉक का है। यह तीन मंजिला भवन है जिसमें 12 फ्लैट हैं। इसमें रहने वाले अधिकारी हैं- झंझारपुर के स्टेशन अधीक्षक शैलेंद्र कुमार झा, पीडब्ल्यूआई स्पेशल त्रिभुवन सिंह, ओएस महेश सिंह, टीआई हरीश कुमार सिंह, आईओडब्ल्यू (सीनियर) रूपेश रंजन, पीडब्ल्यूआई के. के. मिश्रा, झंझारपुर-लौकहा सेक्शन के पीडब्ल्यूआई अरुण मंडल, स्टेशन मास्टर अमरजीत कुमार, बैद्यनाथ भारती और आरपीएफ प्रभारी अरबिंद कुमार।
झंझारपुर के आईओडब्ल्यू रमेश कुमार ने बताया कि जो पिलर क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें चिन्हित कर मार्किंग की जा रही है और उनकी जांच की जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर सी ब्लॉक में रहने वाले रेल अधिकारियों को उनके आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है। झंझारपुर के एसएस शैलेंद्र कुमार झा ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि वे आवास खाली कर रहे हैं।
झंझारपुर रेल परिसर में अधिकारियों के लिए आमान परिवर्तन के दौरान चार वर्ष पहले तीन भवनों का निर्माण किया गया था, जिसका उद्घाटन पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने 13 मार्च 2021 को किया था। ये तीनों भवन जी प्लस थ्री के हैं और ए, बी, सी ब्लॉक में बंटे हुए हैं। इन भवनों के निर्माण पर लगभग आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
हर ब्लॉक का भवन 54 पिलरों पर खड़ा है, जिसमें सी ब्लॉक के 13 पिलर दरक गए हैं। जांच में पिलर नंबर बी 3 से बी 6, सी 4 से 6, एच 2 से एच 7 तथा आई 7 क्षतिग्रस्त पाए गए। इनमें एच 5 और एच 6 नंबर के पिलर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं, जबकि अन्य पिलरों में भी दरारें साफ दिख रही हैं।
हालांकि, कोई स्थानीय रेल अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि इतने बड़े खर्च के बाद भी चार वर्षों में ही ये पिलर कैसे दरक गए। विशेष रूप से जब 13 पिलर क्षतिग्रस्त हुए हों। आमान परिवर्तन कार्य रेलवे के निर्माण विभाग के जिम्मे है और अभी भी इन कार्यों का पूरा होना बाकी है। दो दिन पहले ही तमुरिया स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज के निर्माण में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कुछ स्थानीय लोगों ने कार्य रोका था।
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